19.2.19

Benefits of tulsi

                             BENEFITS OF TULSI

                                    तुलसी के फायदे 

नमस्कार दोस्तों !
                आपका स्वागत है आपके अपने ब्लॉग NATURE ELEMENTS पर  इसमें हम आपको gardening ,health tips,homemade remedies,aushadhiya plants के बारे में जानकारी चाहिए तो आप बिलकुल सही जगह आये है ,हम आपको समय -समय पर सारी जानकारी देते रहेंगे,तो चलिए शुरू करते है |

                 पुराने समय में तुलसी का बहुत ही ज्यादा महत्व रहा है ,तुलसी का वैज्ञानिक नाम -ट्रेनिन सैवोनिन है |
इसे इंग्लिश में Basil के नाम से भी जाना जाता है |आज भी कई हिन्दू घरो में तुलसी को इ मानकर इसकी पूजा की जाती है ,पुराणों में कहा गया है की इ का पौधा घर में लगाने से घर सुख शांति बनी रहती है और समृधि आती है |लेकिन इन सब से हटकर अगर तुलसी को अपने स्वास्थ से जोड़कर देखे तो पता चलेगा की तुलसी के कितने फायदे है,इसका इस्तेमाल कई बिमारियों को दूर करने में किया जाता है|
              तुलसी एक झाड़ीदार पौधा है,इसकी पत्तियों पर बैगनी रंग के रोये होते हैं ,इन पर बैगनी और गुलाबी रंग के पुष्प लगते है |तुलसी के पौधे की उम्र 2-3 वर्ष होती है ,इसके बाद आपके पौधे की टहनियाँ सूखने लगती है और पत्तियां छोटी होने लगती हैं,जिससे न्य पौधा लगाने की जरुरत होती है |
             आयुर्वेद में तुलसी के पौधे को के हर भाग को स्वास्थ के लिए फायदेमंद बताया गया है |तुलसी की पत्तियाँ उसके बीज यहाँ तक की उसकी जड़ों का भी महत्व बताया गया है |आजकल तुलसी का पौधा लगभग सभी घरों में पूजा करने के लिए लगाया जाता है ,लेकिन उसके फायदे बहुत ही कम लोग जानते है और अपने दानिक जीवन में उपयोग करते है |
             
  तुलसी के प्रकार  :तुलसी मुख्यता दो प्रकार की होती राम तुलसी जिसकी पत्तियां हलकी हरे की होती हैं ,दूसरी श्याम तुलसी जिसकी पत्तियों का रंग थोडा गहरा होता है |
*विष्णु तुलसी
*वन तुलसी
*नीबू तुलसी

रासायनिक तत्व : 

वैसे तो तुलसी में कई प्रकार के रासायनिक तत्व पाए जाते है पर ट्रेनिन ,सैवोनिन ,ग्लाइकोसाइड मुख्य रूप से पाया जाता है |

Benefits of tulsi:

 1. यौन रोगों में 

              पुरषों में समय के बढ़ने के साथ धीरे धीरे शारीरिक कमजोरी आने लगती है ,जिसका असर उसके जीवन के यौन संबंधो पर साफ दिखाई देता है |पुरषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद शाबित होता है |इसके अलावा यौन दुर्बलता में और नपुंसकता में भी इसके बीज का इस्तेमाल किया जाता है |

2 . अनियमित पीरियड्स 

              आजकल का खान-पान,और व्यस्त जीवन की वजह से महिलाओं में अनियमित पीरियड की शिकायत लगातार बनी रहती है ,ऐसे में तुलसी के बीजों का इतेमाल करना फायदेमंद साबित होता है ,इसका  सेवन करने से मासिक चक्र बराबर आता है और कमजोरी के कारण कमर में होने वाला दर्द दूर हो जाता है |इसके लिए आपको तुलसी के बीजो का 1 चम्मच रस ले और उसका सेवन करें,अगर आपको इसका रस बाजार में न मिले तो आप घर पर ही तुलसी के बीजो का निकल कर उपयोग करें या उसके बीजो को चबाये|

3 . दस्त में उपयोग 

            अगर आपको बहुत तेज से पेट में दर्द हो रहा है और दस्त हो रही है तो आप तुलसी के पत्ते को जीरे के साथ मिलाकर पीस लें,इसके बाद इसे आप दिन भर में 3-4 बार चाट लें, ऐसा दिन में ३ से ४ बार करने से आपको दस्त में आराम मिलेगा और आपकी दस्त रुक जाएगी |

4 . सर्दी में 

            आजकल सर्दी जुकाम की समस्या आम हो गयी है ,अगर आप अपनी सर्दी खांसी से परेसान हो गये हैं और आपकी सर्दी सही नहीं हो रही है तो आप मिश्री ,काली मिर्च ,दालचीनी ,अदरक ,मुरेठी ,तुलसी के पत्तों का काढ़ा पकाकर पीने से तुरंत लाभ मिल जायेगा |

5 . साँस की दुर्गन्ध 

             आजकल के खान -पान और लापरवाही की की वजह से ये दिक्कत लगभग दस लोगों में से चार लोगो को हो रही है ,अगर आप भी इस दिक्कत से परेसान है तो आपकी ये दिक्कत तुलसी के पत्तों से आसानी से दूर हो जाएगी|आप 6-8 पत्तों को लीजिये और उन्हें चबा लें ,इस तरह आप दिन में दो बार करें जिसके बाद आपके मुह के छाले ,कफ ,वात ,विकार की समस्या पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी|

6 .चोट लगने पर 

            हम लोगों को अपने जीवन में या हमारे बच्चों को कभी न कभी चोटे लग ही जाती है ,अगर आपको या आपके बच्चो को कभी भी चोट लग जाये तो आप तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते है ,इसके लिए आपको 7-8 पत्त्तों को फिटकरी के साथ मिलाकार पीसकर घाव पर लगा दें ,जिससे की आपका घाव जल्दी भर जायेगा ,तुलसी में पाया जाने वाला anti bacterial तत्व जो घाव को पकने नहीं देता है |
             अगर आपकी त्वचा पर किसी जगह पर जलन हो रही है तो आप तुलसी के पत्तों में नारियल का तेल या टिल का तेल मिलकर जलन वाले स्थान पर लगाये जलन में तुरंत लाभ मिलेगा |

7 . चेहरे में 

             जिस तरह तुलसी बाकि समस्याओं को आसानी से दूर करता है उसी प्रकार ये चेहरे की सभी प्रकार की समस्याओ को आसानी से दूर करता है ,त्वचा सम्बन्धी रोग दूर करता है |
इसके पत्तों में पाया जाने वाला तत्व एक anti agen के रूप में कार्य करता है ,अगर आपके चेहरे पर समय से पहले झुर्रियां पड़ने लगी है तो तुलसी आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी ,और सबसे अछि बात ये है की ये किसी तरह की केमिकल कॉस्मेटिक नहीं है ,ये पूरी तरह से प्राकृतिक है |इसके लिए आपको 1 चम्मच तुलसी के पत्तों का अर्क सुबह के वक़्त लेना है |

8 . खांसी में 

          खांसी की दिक्कत सभी के घरों में आती है ,खांसी के सीरप में तुलसी एक गहरी भूमिका निभाता है ,लेकिन इसी के साथ-साथ सीरप एक एलोपैथिक उपचार है जोकि कभी न आपको नुकसान करता है ,जबकि आयुर्वेदिक उपचार ज्यादा कारगर है जिसे की आप अपने घर में भी बना सकते है |
इसके लिए आपको तुलसी के 8 -10 पत्तों को लेना होगा इसमें आपको 3 -4 लौंग एक कप पानी में डालकर 15 min के लिए उबाले ,इसे ठंडा करके सीरप की तरह ही ले ,अगर आपको इसका स्वाद अच्छा नही लगता है तो इसमें आप हल्का नमक दल ले अपने स्वाद के लिए जिससे आपकी खरास भी दूर हो जाएगी |

9 . तनाव 

          वैसे तो तनाव को दूर करने की कोई दवा नही है पर कुछ आयुर्वेदिक पौधे है जोकि तनाव को दूर करने या कम करने में लाभदायक होते है जिनमे से तुलसी एक है |तुलसी में पाया जाने वाला तत्व हमारे शरीर की उर्जा को बढाता है ,इसके लिए 10 -12 पत्तों को लें और दिन में दो बार चबाएं ,ऐसा करने से आपकी तनाव सम्बन्धी बीमारियाँ दूर हो जायेगी ,ऐसा करने से आपका रक्त भी शुद्ध रहेगा |

10 . पायरिया 

      आजकल लगभग जादातर सभी में ये रोग देखने को मिलता है ,इसके उपचार के लिए आपको तुलसी के पत्ते को सुखाकर उसका पाउडर बना लेना है,जिसमे सरसों का तेल मिलाकर इससे आप ब्रश करें आपको लाभ मिलेगा और दांतों का दर्द भी ख़तम हो जायेगा |
*सिर का भरी होना ,माथे का दर्द अधकपारी ,मिर्गी,नासिका रोग ,दाद ,खुजली आदि में भी तुलसी बहुत ही जादा फायदेमंद होती है |
                         आशा करता हूँ दोस्तों की मेरे द्वारा दी गयी जानकारी से आप संतुष्ट हुए होंगे और तुलसी का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करना शुरु कर देंगे ,अगर आपकी कोई समस्या है तो आप comment box में comment कर सकते है
                   धन्यवाद् !

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