नीबू की कई किस्मे भारत में पायी है, जिसमे बारहमासी नीबू और कागजी नीबू गमले में लगाने और फल लेने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है|बारहमासी नीबू में फल झुरमुट में आते है जोकि साल भर में लगभग हमेशा फल देता है| आप अपने गमले में कभी भी बीज से तैयार पौधा न लगाये,बीज से पौधा तैयार होने में और फल देने में लगभग 4-5 वर्ष का समय लग जाता है,आपको अगर अपने गमले में पौधा लगाना है तो बेहतर होगा की आप कलम से तैयार पौधा या ग्राफ्ट विधि से तैयार पौधा ही लगाये| जब भी आप नर्सरी से पौधा खरीदें तो ध्यान से पौधे को देख ले की पौधे में किसी तरह की कोई बीमारी तो नही हुई है, अगर आप बीमारी वाला कोई पौधा ले लेंगे तो कुछ समय बाद हो सकता है की आपका पौधा सूख सकता है |
आप अपने पौधे को किसी भी मौसम में लगा सकते है पर कोशिश करें की
nimbu के पौधे को ठण्ड में न लगाये,ठण्ड का मौसम nimbu के पौधे के लिए ऐसा मौसम होता है जिसमे पौधा अपने पत्तियां गिराने लगता है और इस दौरान किसी भी तरह की खाद nimbu के पौधे को नहीं चाहिए होती है |
पौधा लगाने का मौसम -इसे लगाने का सबसे उपयुक्त महीना february,march,july,august में लगाये,जब ये पौधा अपनी ग्रोथ करता है |मतलब की आप इसे या तो बहार के मौसम में लगाये या फिर बारिश के मौसम में लगाये |
गमला - अगर नर्सरी से आप छोटे पौधे को लेके आये है तो उसे कम से कम 10inch के पॉट में लगाये,परन्तु आपका पौधा अगर बड़े साइज़ का है तो आपको इसे बड़े साइज़ के गमले में लगाना होगा मतलब की 15-18 inch के या इससे बड़े पॉट में आप लगा सकते है, चूँकि nimbu के पौधे की जड़े जादा गहराई तक नहीं जाती है,इस पौधे की जड़े फैलाव में जाती है ,तो बेहतर होगा की आप ऐसे गमले का चुनाव करे जिसका diameter जादा हो |
चलिए दोस्तों अब बात कर लेते है नीबू के गमले की मिट्टी के बारे में -
मिटटी - नीबू lemon एक ऐसा पौधा है जिसे हल्की acitic मिट्टी पसंद आती है,आप अपने पौधे की मिटटी का ph 5.5 - 7.5 ही रखे,lemon फलदार पौधा है जिसे रोजाना पानी की जरुरत होती है,लेकिन दोस्तों ध्यान दें की आपके गमले में पानी का जमाव न होने पाए,गमले की मिटटी ऐसी हो की जिससे पानी निकल सके,गमले का छेद भी खुला हुआ होना चाहिए |
आप 5 बराबर भाग में 2 भाग बगीचे की मिट्टी को ले लें ,1 भाग पूरी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद,1 भग कोकोपीट या सूखी हुई पत्तियों की खाद ले सकते है ,1 भाग रेत या बजरी ,इन सब को ले लें और अच्छे से मिला ले,आपकी मिट्टी तैयार है इस मिश्रण में आप सरसों की खल-100 ग्राम ,नीम केक -50 ग्राम ,वर्मीकम्पोस्ट-100ग्राम लेकर अच्छे से पूरी मिट्टी को मिला लें ,अब आपकी मिट्टी पूरी तरह बन कर तैयार हो गयी है|
वातावरण - lemon के फलदार पौधा है,सभी फलदार पौधों को सूरज की धूप बहुत ही जरुरी होती है और इन पौधों को धूप बहुत ही पसंद आती है,इसलिए इसे आप ऐसी जगह पर रखे जहाँ पर सूर्य की लगभग 5-6 घंटे की पर्याप्त रौशनी मिल सके|यह पौधा 20-37 तक का तापमान अच्छा माना जाता है | अगर मौसम जादा गर्म है तो इसके पौधे पर पानी की फुहार छोड़ते रहे ,या फिर इसे थोड़ी छायादार जगह पर रख दें जहाँ पर दोपहर बाद छाँव आने लगे |
पानी - नीबू को पानी काफी पसंद आता है,मौसम जब गर्म हो तो इसमें पानी रोज दें, परन्तु आपके पौधे पर फूल आये है तो पानी देने का समय थोडा बढ़ा दे | आप पानी देने से पहले जरुर देख लें की आपके पौधे की मिटटी पूरी तरह से सूख गयी है की नही ,जब ऊपर की सतह सूख जाये तब ही पानी दें वरना आपके पौधे के फूल तो लगेगा पर वो फल बनने से पहले ही गिर जायेंगे|
ठण्ड के मौसम में lemon के पौधे को पानी देने का अंतराल बढ़ा दें| जब मिट्टी सूख जाये तो पानी डालें,अगर संभव हो सके तो नीबू के पौधे को किसी शेड एरिया में रखे जिससे की जाड़े का प्रकोप पौधे पर न पड़े| नीबू के पौधे में ढेर सारे फूल और फल लगने के कारण इस तरह के पौधे को ज्यादा खाद की आवश्कता होती है |
खाद (fertilizer) - खाद आप चाहे जिस तरह की इस्तेमाल करें लेकिन जरुरी ये है की आप खाद को किस समय इस्तेमाल कर रहे है,सही समय पर सही खाद इस्तेमाल करना बहुत जरुरी है |
अब मैं आपको इसमें उपयोग होने वाले मुख्यता तीन खाद के बारे में बताऊंगा जो किसी भी पौधे के लिए बहुत जरुरी होता है|
1-नाइट्रोजन
2-फास्फोरस
3-पोटैसियम
lemeon के पौधे को इन तीनो खाद में से सबसे जादा जरुरत nitrozen की होती है,इसलिए आप ऐसे खाद का उपयोग करे जिसमे nitrozen की मात्रा ज्यादा पायी जाती है बाकी बचे फास्फोरस ,और पोटैसियम की मात्रा कम हो तो बेहतर होगा | इसका इस्तेमाल फूल का मौसम आने से पहले करें और इससे पौधे की जड़े मजबूत होती है और पौधा बेहतर तरीके से फूल और फल दे पाता है अगर आप n.p.k का इस्तेमाल कर रहे है तो ऐसा n.p.k ले जो 2*1*1 हो |इसके अलावा आप spring के मौसम की सुरुवात में ही आप गमले की अकार के हिसाब से बोन मील(bone meal) का उपयोग कर सकते है,इससे आपके पौधे में फूलों की मात्रा बढ़ जाएगी |
मिट्टी को अम्लीय कैसे बनाये -अब बात करते है मिट्टी को किस तरह से अम्लीय बनाया जाये| मिटटी को अम्लीय बनाने के लिए सल्फर का प्रयोग करें ,या फिर ऐसे खाद का प्रयोग करे जिसमे की सल्फर की मात्र हो|इसके साथ ही आगर ऐसी खाद नही है तो आप 10इंच के गमले के लिए आधी चमम्च पिसी हुई फिटकरी का उपयोग सकते है |
Micro nutrient- इसके साथ ही साथ पौधे को micro nutrient की भी जरुरत समय समय पर होती है, जैसे iron,jinc,coper,magenisium, पौधे को ये सारे तत्व देने के लिए आप किसी micro nutriant खाद का उपयोग कर सकते है या फिर sea weed extract का उपयोग कर सकते है | वैसे तो इनकी जरुरत पौधे को कम ही होती है लेकिन इसकी कमी से पौधे को कई तरह के रोग लगने का खतरा बना रहता है क्यूंकि इनकी कमी से पौधे का imune system कमजोर हो जाता है,इसलिए बीच-बीच में ही पौधे को इनकी खुराक देते रहना चाहिए,आपने देखा होगा की यदि आप पानी भी सही मात्रा में दे रहे है और खाद भी समय समय पर दे रहे है फिर भी आपके नीबू बड़े होने से पहले ही गिर जाते है,ये micro nutrient की कमी से ही होता है |
Lemon एक ऐसा पौधा है जिसे खाद तुरंत-तुरंत नही चाहिए,इसके पौधे को खाद लगातार मिलती रहनी चाहिए, जिसके लिए सबसे अच्छा उपाय गोबर की खाद होती है जो पौधे को धीरे-धीरे लेकिन लगातार तत्वों को release करती रहती है,इसके अलावा आप vermicompost,neemcake,mustard cake को लगभग हर महीने गमले की मिट्टी के ऊपर डाल कर गोड़ाई कर दें,जिस्स्य धीरे-धीरे पौधे को सभी तत्व मिलते रहेंगे|
पौधे को खाद देने का सही समय- हमारे भारत केमौसम के हिसाब से north indian में अप्रैल से सितम्बर तक हर महीने इस पौधे को खाद की पूरी मात्रा देनी चाहिए,मार्च और अक्टूबर के महीने में आधी मात्रा,फरवरी और नवम्बर के महीने में 1/4 कर देना चाहिए तथा दिसम्बर और जनवरी के महीने में खाद की मात्रा बिल्कुल बंद कर देनी चाहिए क्यूंकि पौधे को इस समय आराम की जरुरत होती है,अगर आपको अपने गमले में लगे पौधे से फल जादा मात्रा में चाहिए तो आपको खाद का विशेष ध्यान देना होगा |
नीबू के पौधे में लगने वाले रोग - नीबू में ज्यादातर रोग फंगल इन्फेक्शन,बैक्टीरिया या वायरस की वजह से होते है ,चलिए बात करते है इनके पहचान और उपचार के बारे में ,ज्यादातर रोग इनका प्रकोप पत्तियों फलो और तनो पर देखने को मिलता है,पत्तियों पर पड़ने वाले पीले धब्बे जो बाद में बढ़ जाते है और पूरे पौधे पर हो जाते है,पत्तियों का आकर बदल जाता है या पत्तियां मुड जाती है,तनो का ऊपर से सूखने लगना,पत्तियों के ऊपर सफ़ेद धब्बे दिखाई देना,इन सब के अलावा इल्लियो का लगना जो नये पत्तो का खाती है |
इन सब रोगों की रोकथाम के लिए समय-समय पर जिंक सल्फेट ,कॉपर सल्फेट और चूने का घोल बना कर छिडकाव करे,इसके अलावा एंटी फंगल पाउडर कार्बनडाजीन का प्रयोग करे| जो टहनिया सूख जाये उसे जल्द से जल्द काट कर अलग कर दें ,कीटों से बचाने के लिए आप intectiside का इस्तेमाल करे |
इन सब से हटकर हर्बल उपाय भी है,आप नीम केक को मिट्टी में मिला सकते है या नीम के तेल का छिडकाव भी कर सकते है,नीम का तेल छिडकाव करने के लिए आप नीम के तेल 5ml में liquid soap की कुछ बूंदे मिला ले फिर पानी मिला और अच्छे से मिला ले फिर छिडकाव करे|नीम तेल का प्रयोग आप हर हफ्ते कर सकते है जिससे किसी तरह की बीमारी पौधे को नही होगी |
कभी कभी पौधे पर सूखा रोग का प्रकोप हो जाता है और पौधे की टहनियां सूखने लग जाती है |इसके उपाय के लिए बेहतर होगा की जिस टहनी में ऐसा रोग हो उसे आप पौधे से काट कर अलग कर दें और पूरे पौधे पर नीम के तेल का लेप लगा दें जिससे की बाकी का पौधा सुरक्षित रहे |
नीबू के पौधे की काट छाट - सामान्यता लगभग सभी पौधों की काट छाट समय-समय पर जरुरी होती है ,लेकिन नीबू के पौधे में काट छाट नहीं करनी चाहिए,क्यूंकि lemon का पौधा अपना सारा भोजन अपने पत्तियों में और अपनी टहनियों में संचित कर के रखता है, अगर हम इसकी टहनियां काट देंगे तो पौधे को अचानक से भोजन मिलना बंद हो जायेगा और पौधा सूख सकता है|अगर आपके पौधे का आकार सही नही है तो आप हल्की cutting कर सकते है |
Mulching- Mulching एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे पौधे की मिट्टी के ऊपरी सतह पर सूखी पत्तियों एक परत बिछा दी जाती है जोकि गर्मी के मौसम में आपके पौधे को,और उसकी जड़ो को धुप से बचाती है ,इसकी वजह से आपको दिन में कई बार अपने पौधे में पानी देने की जरूरत नहीं होगी,यह प्रक्रिया पौधे की जड़ो को ठंडक प्रदान करती है |
गुलाब पर कैसे पाएं ढेरो फूल??| gulab par kaise paye dhero phool
दोस्तों आशा करता हूँ की gamle me kaise paye dhero nimbu पर सभी प्रकार की बातों को बता दिया है ,मेरे द्वारा दी गयी जानकारी से आप संतुष्ट हुए होंगे, फिर भी अगर आपको lemon fruit से जुड़ी किसी तरह की कोई समस्या आती है तो आप comment box में comment करके बता सकते है , या आप किसी तरह की कोई जानकारी साझा करना चाहते है तो आप कर सकते है |