5.8.19

Air purifier plants, indoor plants

  Air purifier plants, indoor plants  

 आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी सेहत के बारे में नहीं सोच रहे है,लोगो के पास इतना समय नहीं है की वो गार्डन में जाकर ताज़ी हवा ले सके, न ही अब शहरों में बगीचे रह गये हैं जहा जाकर हम अपने मन को शांत कर सके या फिर ताज़ी हवा लेकर खुद को स्वस्थ रख सकेआजकल हमारे आसपास इतना प्रदूषण होगया है की हम लोगो को ताज़ी हवा मिलना असम्भव सा हो गया है|
             नमस्कार दोस्तों आपका अपने ब्लॉग NATURE ELEMENTS में स्वागत है,आज हम आपको कुछ ऐसे पौधों के बारे में बतायेंगे जिन्हें आप अपने घर में लगाकर अपने आसपास का वातावरण साफ कर सकते है, और ये ऐसे पौधे है जिन्हें आप air purifying plants के रूप में अपने घर के अन्दर indoor plants की तरह लगा सकते है |
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1- मनी प्लान्ट- दोस्तों money plant का नाम तो सभी ने सुना होगा पर शायद आप इसके गुणों से पूरी तरह से परिचित नही होंगे,ये एक तरह का ऐसा पौधा है जिसको आप अपने किसी भी कमरे में लगा सकते है, इस पौधे को बहुत ही कम रख-रखाव की जरुरत होती है| इसे आप सिर्फ पानी में या किसी छोटे पॉट में लगा कर अपने dinning table पर सजा सकते है | यह पौधा एक तरह का प्राकृतिक फ़िल्टर का काम करता है, ये आपके कमरे की प्रदूषित हवा को शुद्ध करता है, money plant लगाने में बहुत ही आसान होता है ,बस आपको इसकी एक डंठल को काट के पानी में या फिर मिटटी में लगा देना है, कुछ दिनों में यह एक पौधा बन जायेगा और आपके गार्डन की शोभा बढ़ाएगा|
2- स्नेक प्लान्ट snake plantस्नेक प्लान्ट एक ऐसा पौधा है जो भारत के ज्यादातर घरों में पाया जाता है, यह ऐसा पौधा है जो आपके कमरे की प्रदूषित गैस को अपने अन्दर अवशोषित कर लेता है, और बदले में शुद्ध हवा को निकालता है, इस पौधे को 15-20 दिन में एक बार धुप की जरुरत होती है, इसे आप अपने कमरे के किसी भी कोने में आराम से रख सकते है |
3- एरेका पाम- अपनी हवादार पत्तियों और खूबसूरत हरे रंग की वजह से हमेशा लोगो का पसंदीदा पौधा बना रहता है | जब यह आपके कमरेआँगनबालकनियों और शयनकक्षों में लगाया जाता हैतो यह न केवल फॉर्मेल्डिहाइडबेंजीनऔर कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे विषाक्त गैसों को हवा से हटा देता है बल्कि वातावरण में उत्तम नमी भी बनाए रखता है और शुद्ध हवा को कमरे में फैलाता है | यह ऐसा पौधा है जो धीरे-धीरे बढ़ता है और अगर आपने इसे किसी गमले में लगाया है तो उस गमले को आपको छायादार जगह पर रखना होगा, धूप की सीधी रोहणी में इसकी पत्तियां जल जाती है |
4- ऐलोवेरा (घृतकुमारी)- एलोवेरा के बारे में सभी जानते है, और इसके औषधीय गुण से भी परिचित होंगे, भारत में ये लगभग सभी घरो में आसानी से देखने को मिल जाता है| ये हमारी त्वचा के लिए और हमारे स्वास्थ के लिए बहुतही ज्यादा लाभदायक होता है | रोजाना इसके जूस का सेवन करने से हमारे पेट से सम्बन्धित रोग दूर हो जाते है | ये एक ऐसा पौधा है जिसे हल्की छायादार जगह पर रखने से ये काफी तेजी से ग्रो कर सकता है, इस पौधे को कम से कम 4 घंटे की धूप अवश्य चाहिए | एलोवेरा आपके आसपास की दूषित हवा को अपने अंदर अवशोषित कर लेता है और शुद्ध हवा को बहार छोड़ता है |
5- स्पाइडर प्लांट – इस पौधे को कम पानी की जरुरत होती है और महीने में एक या दो बार कुछ घंटो क लिए धूप में रखने से इसकी जरुरत पूरी हो जाती है, ये पौधा भी एक प्राकृतिक फ़िल्टर का काम करता है और दूषित हवा को ख़त्म करता है |
6- तुलसी – तुलसी एक ऐसा पौधा है जो हिन्दू धर्म से जुड़ा हुआ है, हिन्दू धर्म में इसकी पूजा की जाती है, इसके साथ-साथ ये एक औषधीय पौधा भी है, इसके औषधीय गुण से लगभग सभी परिचित है, ये एक ऐसा पौधा है जो आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा जो बाहर करता है और साथ ही साथ आपके घर की हवा को शुद्ध करता है, इसके औषधीय गुण के बारे में हमने अपने दुसरे ब्लॉग विस्तार से बताया है |
7- पुदीना – पुदीना के पौधे को भारत में बहुत अधिक पसंद किया जाता है, ये भारत में भोजन के अलग अलग उपयोग में लिया जाता है, पुदीना आपके गार्डन में लगे होने से आपके घर की हवा को शुद्ध करता है और ताजगी फैलाता है, इसी के साथ-साथ इस पौधे की महक से आपके घर के आसपास मच्छर भी मही लगेंगे |
दोस्तों ये कुछ ऐसे indoor, air purifier plants है जो की आपको आसानी से मिल जाते है और इनके रख-रखाव भी बहुत कम है, ये पौधे आपके बगीचे की शोभा भी बढ़ाएंगे और हवा को भी सुध रखेंगे |

4.8.19

Sakoda recipe in hindi

                  SAKODA RECIPE IN HINDI

नमस्कर दोस्तों !
                   आपका स्वगत है आपके अपने ब्लॉग प्रकृति का स्पर्श में ,आज हम आपके लिए एक नयी तरह की रेसिपी लाये है ,वैसे तो ये रेसिपी आपने पहले भी खाई होगी लेकिन इसकी खास बात ये है की ये रेसिपी बहुत ही आसान तरीके से बनाई गयी है और इसमें उपयोग होनी वाली सामाग्री आपके घर में आसानी से मिल जाती है और आपको एक अच्छी रेसिपी खाने को मिलती है|आज हम बात करेंगे sakoda recipe in hindi में ,ये बनाने में बहुत ही आसान है और खाने में भी बहुत लाजवाब है ,sakoda recipe आपको बेहद पसंद आएगी |ये रेसिपी 5 लोगो के लिए है ,तो चलिए शुरु करते है|
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     आवश्यक सामाग्री :टिकिया बनाने के लिए  

  * 1 छोटा कप उरद की दाल_1 small cup black gram lentils
  * 1 छोटा कप चना की दाल_ 1 small cup chickpeas
  * 1 छोटी साइज़ की पत्तागोभी_ 1 small size cabbage
  * 5-6 पत्तेदार हरी प्याज_ 5to6 green onion
  * 200 ग्राम हरी सरसों के पत्ते_200gm green leaf of mustard 

    टिकिया के लिए मसाले 

  * 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर_1 teaspoon turmeric powder
  * 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर_1 teaspoon coriander powder 
  * 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च_1 teaspoon red chili powder 
  * 1 छोटा चम्मच गरम मसाला_1 teaspoon garam masala 
  * 2 चुटकी हींग_ 2pinch hing
  * नमक स्वादानुसार_salt  

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   ग्रेवी और तडके के लिए सामाग्री :

    तडके की सामाग्री :

  * 3 बारीक कटी हुई प्याज_3 fine chopped onion  
  * 5 बारीक कटी  मिर्च_5 fine chopped chili
  * 1 छोटी साइज़ की अदरक_1 small size ginger
  * 1 लहसुन की कली_1 cloves of garlic
  * 7-8 करी पत्ता या आप 4-5 तेजपत्ता भी डाल सकते हैं_7to8 curry patta

   ग्रेवी की सामाग्री : 

 * 1छोटा चम्मच हल्दी पाउडर_1 teaspoon turmeric powder 
 * 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर_1 teaspoon red chili powder 
 * 1 छोटा चम्मच गरम मसाला_1 teaspoon garam masala 
 * 2 छोटा चम्मच धनिया पाउडर_2teaspoon coriander powder 
 * 2 चुटकी हींग_ 2pich hing


   sakoda recipe ki vidhi:

   sakoda recipe बनाने के लिए सबसे पहले हम इसकी टिक्की बनायेंगे| इसके लिए पहले आप चने और उर्द की दाल को 4 -5 घंटे के लिए भिगो के रख दें,अब दाल को अच्छे से धो ले और मिक्सर में थोडा पानी मिला ले जिससे की दाल मिक्सर में चिपके न और अच्छे से पीस लें ,अब हम सरसों ,पत्तागोभी और प्याज को बारीक काट लें |इसके बाद आप अपनी सब्जियों में पीसी हुई दाल मिला लें,फिर सारे मसाले और नमक मिला ले,फिर इसे छानने के लिए अपनी हथेलियों में पानी लगाकर छोटी छोटी गोलियां या टिक्की के के आकार में बना कर छान लें|


    sakoda recipe ki gravy ki vidhi 

                   पहले आप कडाही में 3 बड़ा चम्मच तेल डालकर इसमें आप करी पत्ता या तेजपत्ता डाले ,जैसे ही तेजपत्ता हो जाये इसमें आप बारीक कटी हुई प्याज ,कटा मिर्च,लहसुन ,अदरक  डाल दे,जैसे ही आपका तड़का सुनहरा भूरा हो फिर इसमें आप मसाले को को डाल ले और एक कप मिलाये और अच्छे से मसाला पकाए ,जब आपका मसाला तेल छोड़ दे तो समझिये की आपका मसाला पक गया है |इसके बाद इसमें 4 -5 कप पानी डाल लें और इसे तेज आँच पर boil तक पकाए फिर इसमें अपनी तैयार की हुई टिकिया डाले ,फिर धीमी आँच 30min के लिए छोड़कर पकाए,फिर आप बारीक कटी हुई धनिया डाल लें और अपने घर परिवार वालो को गरमा गरम सर्व करें|
                 ये रेसिपी आप बनाइए और अपने घर वालो को खिलाईये और ढेर सारा प्यार पाइए ,उम्मीद करती हूँ दोस्तों आपको ये sakoda recipe जरुर पसंद आएगी |अगर आपको ये पसंद आये या किसी तरह की कोई दिक्कत आये तो comment box में ccomment करके जरुर बताएं,और अपनी सहेलियों के साथ शेयर जरुर करें या अपनी किसी तरह की रेसिपी को शेयर करना चाहती  है तो शेयर करें,अगली रेसिपी में फिर मिलती हूँ ||
                                                         mix veg paratha
           धन्यवाद् ||||

Mix veg paratha recipe in hindi

                                                MIX VEG PARATHA 

नमस्कार दोस्तों !
                      आपका अपने ब्लॉग PRAKRITI KA SPARSH में स्वागत है |खाना सभी के लिए बहुत जरुरी है अगर खाना स्वादिष्ट हो तो खाने में और भी ज्यादा मजा आता है ,एक अच्छा खाना मुँह से होकर सीधे दिल तक जाता है ,और सामने वाले को खुश कर देता है |आज का हमारा टॉपिक कुकिंग से जुड़ा हुआ है ,आज हम आलू ,गोभी ,मटर के पराठे की रेसिपी के बारे में बात करंगे,तो चलिए शुरू करते है |
paratha recipe

सबसे पहले हम बात करते है इसमें लगने वाली समाग्री के बारे में,ये रेसेपी 5 लोगो के लिए है |----

सामग्री -

  1. आटा 4 छोटा कप
  2. 1 कप मटर 
  3. दो मीडियम साइज़ आलू 
  4. 1 छोटी फूल गोभी  
  5. 3 -4 मिर्च 
  6. 6.हरी धनिया          

तड़के के लिए सामाग्री -

     * 1 कली लहसुन 
     * जीरा 
     *3 चुटकी  
     * 1 प्याज 
     * 2चुटकी काली मिर्च 
     * नमक स्वादानुसार 
   

बनाने की विधि-  

                           दोस्तों सबसे पहले आप 4 बड़ा चम्मच कड़ाही में तेल डाले ,तेल के गर्म होते ही उसमे जीरा का तड़का लगाये,तडके के होते ही उसमे बचे हुए बाकि के तडके की सारी सामाग्री डाले और तडके को अच्छे से सुन्हरा लाल होने तक भून ले इसके पश्चात इसमें कटी हुई आलू ,गोभी,और मटर डाले और अच्छी तरह से भून लें और फिर इसे आप धीमी आँच पे 20 min के लिए ढंक कर पकने के लिए छोड़ दें ,इसके बाद इसे आप बहार निकल लें और हरी धनिया काटकर मिला ले और 10 min के लिए ठंडा होने के लिए छोड़ दें फिर इस मिश्रण को crushar की मदत से crush कर लें,अगर आपके पास crusher नही है तो चम्मच की सहायता से मिश्रण को मसल लें ,अब आपका मिश्रण पराठे में भरने के लिए बिल्कुल तैयार है |
                          अब आप आटे को सान कर उसकी लोइयाँ तैयार कर लें ,इसके बाद आप 1-2 चम्मच मिश्रण को भर लें और लोई को बेल लें |
      इसके पश्चात् आप इन पराठो को ताव्प पर सेंक लें ,अब आपका मिक्स वेज पराठा तैयार है,इसे आप चटनी के साथ या सास के शत गरमा -गरम सर्व करे और अपने परिवार वालो को खिलाएं और ढेर सारा प्यार पाए |
                         दोस्तों मैं आशा करती हूँ की मेरे द्वारा दी गयी जानकारी से आप संतुष्ट होंगे ,अगर आप किसी रेसिपी के बारे में जानना चाहते है या अपनी किसी रेसिपी को शेयर करना चाहते है तो आप नीचे comment box में comment करके बता सकते हैं   sakoda recipe in hindi

               धन्यवाद्!

Amla recipe

आंवला की चटनी(Amla recipes)

वैसे तो आंवले में कई तरह के मिनरल पाए जाते है और ये खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है ,इसमें प्रचुर मात्रा में vitamin C पाया जाता है|
        नमस्कार दोस्तो आपके अपने ब्लॉग PRAKRITI KA SPARSH पर आपका स्वागत है|आज हम amla recipes में आंवले की एक खास तरह की चटनी बनाना सीखेंगे , तो चलिए बात कर लेते है इसमे जो सामग्री लगती है |

amla ki cutney (सामग्री )

5 आंवला 
* 50 ग्राम हरी धनिया 
* 3 हरी मिर्च 
* 4 इंच की अदरक
* आधा चम्मच लाल मिर्च
* 6-7 लहसुन की कलियाँ 
* 2 चुटकी काली मिर्च 
* नमक स्वादानुसार |

विधि

अब हम आंवले को बीज से अलग कर लेंगे और हरी धनिया ,अदरक ,लहसुन को काट लेंगे फिर इसमें बाकी बची हुई चीजे मिलकर पूरी सामग्री को बारीक पीस लेंगे |
              दोस्तों आपकी लाजवाब चटनी तैयार है,इसे आप किसी के साथ भी खा सकते है | आंवला आपके पेट के लिए ,आँखों के लिए ,ह्रदय के लिए ,आपके मेटाबोलिज्म को सही रखता है ,महिलाओं में होने वाले अनियमित मासिक धर्म में  बहुत ही जादा फायदेमंद होता है |
          आशा करती हूँ दोस्तों की आपको आंवले की चटनी बहुत ही पसंद आएगी |
धन्यवाद् !

Tamatar ki chutney| टमाटर की चटनी

Tamatar ki chatni

दोस्तों जैसा की आप सब जानते है की टमाटर हमारी सेहत के लिए बहुत ही जरुरी सब्जी होती है ,इसे हम अपने रोजमर्रा के खाने में इस्तेमाल करते है| दोस्तों आज हम बात करेंगे की टमाटर की मीठी चटनी कैसे बनाई जा सकती है ,वो भी बहुत आसान तरीके से बनाना सीखेंगे |

सामाग्री :

1. 5-6 मीडियम साइज़ के टमाटर 
2. दो चुटकी जीरा 
3. दो चुटकी सौंफ 
4. एक चुटकी मंगरैल 
5. दो चुटकी मेथी 
6. 7-8 चम्मच चीनी 
7. दो चुटकी नमक 
8. 5-6 लाल मिर्च 
9. 5-6 चम्मच तेल
tamatar ki chutney
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बनाने की विधि :

               मध्यम आकार के 5-6 टमाटर ले लें ,अब इन टमाटर लो 10मिनट तक उबाल लें ,अब इन टमाटरों को ठंडा होने के लिए रख दें,जैसे ही आपके टमाटर ठण्डे हो जाये वैसे ही किसी चाकू की सहायता से टमाटर के छिलको को छील ले| 
               अब हम कढ़ाई में 5-6 चम्मच तेल डाल लेंगे, तेल के गर्म होने पर उसमे जीरा ,सौंफ ,मंगरैल ,मेथी का तड़का लगा दें ,जैसे ही तड़का हो जाये इसमें हम टमाटर डालते है ,इसमें 5-6  छोटा चम्मच कूटा हुआ  लाल मिर्च पाउडर डालते है और इस मिश्रण को अच्छे से भून लेंगे ,जैसे ही मिश्रण भुन जाये इसमें हम 8-10 चम्मच स्वादानुसार चीनी डाल लें ,इस मिश्रण मेंआधा छोटा चम्मच नमक डाल दें और 30 मिनट के लिए धीमी आंच पर छोड़ दें ,इस मिश्रण को बीच-बीच में चलाते रहे| 
 आपकी tamatar ki chatni तैयार है | 

gamle me kaise paye dhero nimbu | गमले में कैसे पाए ढेरो नीबू ??

gamle me paye dhero nimbu | गमले में कैसे पाए ढेरो नीबू ?? 

                    Lemon यानी नीबू , यह एक रसभरा फल होता है जोकि खट्टा होता है| नीबू का नाम आते ही जुबान पर खट्टे का स्वाद आ जाता है |नमस्कार दोस्तों आज हम बात करेंगे नीबू के बारे में ,इसे गमले में लगाकर इससे हम कैसे ढेरो फल ले सकते है ,इसकी मिटटी soil media कैसी होनी चाहिए ,इसमें लगने वाले रोगों के बारे में ,इनके उपचार के बारे में आज हम बात करेंगे |
                                    गुलाब पर कैसे पाएं ढेरो फूल??| gulab par kaise paye dhero phool
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gamle me kaise paye dhero nimbu
                   नीबू की कई किस्मे भारत में पायी है, जिसमे बारहमासी नीबू और कागजी नीबू गमले में लगाने और फल लेने के लिए सबसे अच्छा माना  जाता है|बारहमासी नीबू में फल झुरमुट में आते है जोकि साल भर में लगभग हमेशा फल देता है| आप अपने गमले में कभी भी बीज से तैयार पौधा न लगाये,बीज से पौधा तैयार होने में और फल देने में लगभग 4-5 वर्ष का समय लग जाता है,आपको अगर अपने गमले में पौधा लगाना है तो बेहतर होगा की आप कलम से तैयार पौधा या ग्राफ्ट विधि से तैयार पौधा ही लगाये| जब भी आप नर्सरी से पौधा खरीदें तो ध्यान से पौधे को देख ले की पौधे में किसी तरह की कोई बीमारी तो नही हुई है, अगर आप बीमारी वाला कोई पौधा ले लेंगे तो कुछ समय बाद हो सकता है की आपका पौधा सूख सकता है |
                  आप अपने पौधे को किसी भी मौसम में लगा सकते है पर कोशिश करें की nimbu के पौधे को ठण्ड में न लगाये,ठण्ड का मौसम nimbu के पौधे के लिए ऐसा मौसम होता है जिसमे पौधा अपने पत्तियां गिराने लगता है और इस दौरान किसी भी तरह की खाद nimbu के पौधे को नहीं चाहिए होती है |


पौधा लगाने का मौसम -इसे लगाने का सबसे उपयुक्त महीना february,march,july,august में लगाये,जब ये पौधा अपनी ग्रोथ करता है |मतलब की आप इसे या तो बहार के मौसम में लगाये या फिर बारिश के मौसम में लगाये |


गमला - अगर नर्सरी से आप छोटे पौधे को लेके आये है तो उसे कम से कम 10inch के पॉट में लगाये,परन्तु आपका पौधा अगर बड़े साइज़ का है तो आपको इसे बड़े साइज़ के गमले में लगाना होगा मतलब की 15-18 inch के या इससे बड़े पॉट में आप लगा सकते है, चूँकि nimbu के पौधे की जड़े जादा गहराई तक नहीं जाती है,इस पौधे की जड़े फैलाव में जाती है ,तो बेहतर होगा की आप ऐसे गमले का चुनाव करे जिसका diameter जादा हो |
चलिए  दोस्तों अब बात कर लेते है नीबू के गमले की मिट्टी के बारे में -

मिटटी - नीबू lemon एक ऐसा पौधा है जिसे हल्की acitic मिट्टी पसंद आती है,आप अपने पौधे की मिटटी का ph 5.5 - 7.5 ही रखे,lemon फलदार पौधा है जिसे रोजाना पानी की जरुरत होती है,लेकिन दोस्तों ध्यान दें की आपके गमले में पानी का जमाव न होने पाए,गमले की मिटटी ऐसी हो की जिससे पानी निकल सके,गमले का छेद भी खुला हुआ होना चाहिए |
             आप 5 बराबर भाग में 2 भाग बगीचे की मिट्टी को ले लें ,1 भाग पूरी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद,1 भग कोकोपीट या सूखी हुई पत्तियों की खाद ले सकते है ,1 भाग रेत या बजरी ,इन सब को ले लें और अच्छे से मिला ले,आपकी मिट्टी तैयार है इस मिश्रण में आप सरसों की खल-100 ग्राम ,नीम केक -50 ग्राम ,वर्मीकम्पोस्ट-100ग्राम  लेकर अच्छे से पूरी मिट्टी को मिला लें ,अब आपकी मिट्टी पूरी तरह बन कर तैयार हो गयी है|


वातावरण - lemon के फलदार पौधा है,सभी फलदार पौधों को सूरज की धूप बहुत ही जरुरी होती है और इन पौधों को धूप बहुत ही पसंद आती है,इसलिए इसे आप ऐसी जगह पर रखे जहाँ पर सूर्य की लगभग 5-6 घंटे की पर्याप्त रौशनी मिल सके|यह पौधा 20-37 तक का तापमान अच्छा माना जाता है | अगर मौसम जादा गर्म है तो इसके पौधे पर पानी की फुहार छोड़ते रहे ,या फिर इसे थोड़ी छायादार जगह पर रख दें जहाँ पर दोपहर बाद छाँव आने लगे |


पानी - नीबू को पानी काफी पसंद आता है,मौसम जब गर्म हो तो इसमें पानी रोज दें, परन्तु आपके पौधे पर फूल आये है तो पानी देने का समय थोडा बढ़ा दे | आप पानी देने से पहले जरुर देख लें की आपके पौधे की मिटटी पूरी तरह से सूख गयी है की नही ,जब ऊपर की सतह सूख जाये तब ही पानी दें वरना आपके पौधे के फूल तो लगेगा पर वो फल बनने से पहले ही गिर जायेंगे|ठण्ड के मौसम में lemon के पौधे को पानी देने का अंतराल बढ़ा दें| जब मिट्टी सूख जाये तो पानी डालें,अगर संभव हो सके तो नीबू के पौधे को किसी शेड एरिया में रखे जिससे की जाड़े का प्रकोप पौधे पर न पड़े| नीबू के पौधे में ढेर सारे फूल और फल लगने के कारण इस तरह के पौधे को ज्यादा खाद की आवश्कता होती है |



खाद (fertilizer) - खाद आप चाहे जिस तरह की इस्तेमाल करें लेकिन जरुरी ये है की आप खाद को किस समय इस्तेमाल कर रहे है,सही समय पर सही खाद इस्तेमाल करना बहुत जरुरी है |
अब मैं आपको इसमें उपयोग होने वाले मुख्यता तीन खाद के बारे में बताऊंगा जो किसी भी पौधे के लिए बहुत जरुरी होता है|
1-नाइट्रोजन 
2-फास्फोरस
3-पोटैसियम 
         lemeon के पौधे को इन तीनो खाद में से सबसे जादा जरुरत nitrozen की होती है,इसलिए आप ऐसे खाद का उपयोग करे जिसमे nitrozen की मात्रा ज्यादा पायी जाती है बाकी बचे फास्फोरस ,और पोटैसियम की मात्रा कम हो तो बेहतर होगा | इसका इस्तेमाल फूल का मौसम आने से पहले करें और इससे पौधे की जड़े मजबूत होती है और पौधा बेहतर तरीके से फूल और फल दे पाता है अगर आप n.p.k का इस्तेमाल कर रहे है तो ऐसा n.p.k ले जो 2*1*1 हो |इसके अलावा आप spring के मौसम की सुरुवात में ही आप गमले की अकार के हिसाब से बोन मील(bone meal) का उपयोग कर सकते है,इससे आपके पौधे में फूलों की मात्रा बढ़ जाएगी |


मिट्टी को अम्लीय कैसे बनाये -अब बात करते है मिट्टी को किस तरह से अम्लीय बनाया जाये| मिटटी को अम्लीय बनाने के लिए सल्फर का प्रयोग करें ,या फिर ऐसे खाद का प्रयोग करे जिसमे की सल्फर की मात्र हो|इसके साथ ही आगर ऐसी खाद नही है तो आप 10इंच के गमले के लिए आधी चमम्च पिसी हुई फिटकरी का उपयोग  सकते है |

 Micro nutrient- इसके साथ ही साथ पौधे को micro nutrient की भी जरुरत समय समय पर होती है, जैसे iron,jinc,coper,magenisium, पौधे को ये सारे तत्व देने के लिए आप किसी micro nutriant खाद का उपयोग कर सकते है या फिर sea weed extract का उपयोग कर सकते है | वैसे तो इनकी जरुरत पौधे को कम ही होती है लेकिन इसकी कमी से पौधे को कई तरह के रोग लगने का खतरा बना रहता है क्यूंकि इनकी कमी से पौधे का imune system कमजोर हो जाता है,इसलिए बीच-बीच में ही पौधे को इनकी खुराक देते रहना चाहिए,आपने देखा होगा की यदि आप पानी भी सही मात्रा में दे रहे है और खाद भी समय समय पर दे रहे है फिर भी आपके नीबू बड़े होने से पहले ही गिर जाते है,ये micro nutrient की कमी से ही होता है |

            Lemon एक ऐसा पौधा है जिसे खाद तुरंत-तुरंत नही चाहिए,इसके पौधे को खाद लगातार मिलती रहनी चाहिए, जिसके लिए सबसे अच्छा उपाय गोबर की खाद होती है जो पौधे को धीरे-धीरे लेकिन लगातार तत्वों को release करती रहती है,इसके अलावा आप vermicompost,neemcake,mustard cake को लगभग हर महीने गमले की मिट्टी के ऊपर डाल कर गोड़ाई कर दें,जिस्स्य धीरे-धीरे पौधे को सभी तत्व मिलते रहेंगे|


पौधे को खाद देने का सही समय- हमारे भारत केमौसम के हिसाब से north indian में अप्रैल से सितम्बर तक हर महीने इस पौधे को खाद की पूरी मात्रा देनी चाहिए,मार्च और अक्टूबर के महीने में आधी मात्रा,फरवरी और नवम्बर के महीने में 1/4 कर देना चाहिए तथा दिसम्बर और जनवरी के महीने में खाद की मात्रा बिल्कुल बंद कर देनी चाहिए क्यूंकि पौधे को इस समय आराम की जरुरत होती है,अगर आपको अपने गमले में लगे पौधे से फल जादा मात्रा में चाहिए तो आपको खाद का विशेष ध्यान देना होगा |


नीबू के पौधे में लगने वाले रोग - नीबू में ज्यादातर रोग फंगल इन्फेक्शन,बैक्टीरिया या वायरस की वजह से होते है ,चलिए बात करते है इनके पहचान और उपचार के बारे में ,ज्यादातर रोग इनका प्रकोप पत्तियों फलो और तनो पर देखने को मिलता है,पत्तियों पर पड़ने वाले पीले धब्बे जो बाद में बढ़ जाते है और पूरे पौधे पर हो जाते है,पत्तियों का आकर बदल जाता है या पत्तियां मुड जाती है,तनो का ऊपर से सूखने लगना,पत्तियों के ऊपर सफ़ेद धब्बे दिखाई देना,इन सब के अलावा इल्लियो का लगना जो नये पत्तो का खाती है |
              इन सब रोगों की रोकथाम के लिए समय-समय पर जिंक सल्फेट ,कॉपर सल्फेट और चूने का घोल बना कर छिडकाव करे,इसके अलावा एंटी फंगल पाउडर कार्बनडाजीन का प्रयोग करे| जो टहनिया सूख जाये उसे जल्द से जल्द काट कर अलग कर दें ,कीटों से बचाने के लिए आप intectiside का इस्तेमाल करे |
इन सब से हटकर हर्बल उपाय भी है,आप नीम केक को मिट्टी में मिला सकते है या नीम के तेल का छिडकाव भी कर सकते है,नीम का तेल छिडकाव करने के लिए आप नीम के तेल 5ml में liquid soap की कुछ बूंदे मिला ले फिर पानी मिला और अच्छे से मिला ले फिर छिडकाव करे|नीम तेल का प्रयोग आप हर हफ्ते कर सकते है जिससे किसी तरह की बीमारी पौधे को नही होगी | 
कभी कभी पौधे पर सूखा रोग का प्रकोप हो जाता है और पौधे की टहनियां सूखने लग जाती है |इसके उपाय के लिए बेहतर होगा की जिस टहनी में ऐसा रोग हो उसे आप पौधे से काट कर अलग कर दें और पूरे पौधे पर नीम के तेल का लेप लगा दें जिससे की बाकी का पौधा सुरक्षित रहे |


नीबू के पौधे की काट छाट - सामान्यता लगभग सभी पौधों की काट छाट समय-समय पर जरुरी होती है ,लेकिन नीबू के पौधे में काट छाट नहीं करनी चाहिए,क्यूंकि lemon का पौधा अपना सारा भोजन अपने पत्तियों में और अपनी टहनियों में संचित कर के रखता है, अगर हम इसकी टहनियां काट देंगे तो पौधे को अचानक से भोजन मिलना बंद हो जायेगा और पौधा सूख सकता है|अगर आपके पौधे का आकार सही नही है तो आप हल्की cutting कर सकते है |


Mulching- Mulching एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे पौधे की मिट्टी के ऊपरी सतह पर सूखी पत्तियों एक परत बिछा दी जाती है जोकि गर्मी के मौसम में आपके पौधे को,और उसकी जड़ो को धुप से बचाती है ,इसकी वजह से आपको दिन में कई बार अपने पौधे में पानी देने की जरूरत नहीं होगी,यह प्रक्रिया पौधे की जड़ो को ठंडक प्रदान करती है |
                            गुलाब पर कैसे पाएं ढेरो फूल??| gulab par kaise paye dhero phool

                      दोस्तों आशा करता हूँ की gamle me kaise paye dhero nimbu पर सभी प्रकार की बातों को बता दिया है ,मेरे द्वारा दी गयी जानकारी से आप संतुष्ट हुए होंगे, फिर भी अगर आपको lemon fruit से जुड़ी किसी तरह की कोई समस्या आती है तो आप comment box में comment करके बता सकते है , या आप किसी तरह की कोई जानकारी साझा करना चाहते है तो आप कर सकते है | 

24.2.19

Benefits of neem | azadirachta,side effect,use of neem

Neem Ke Fayde-Benefits of neem

नमस्कार दोस्तों !
                       आपका स्वागत है आपके अपने ब्लॉग Nature Elements में,आज हम एक ऐसे पौधे के बारे में बात करेंगे जो हमे ठंडी हवा,छाँव के साथ-साथ बिमारियों से छुटकारा भी देता है|दोस्तों आज हम neem ke fayde के बारे में बात करेंगे,और हम किन किन बीमारियों में नीम का उपयोग करके उन बीमारियों से छुटकारा पा सकते है,जितनी भी तरह के neem ke fayde होते है सभी पर पूरी बात करेंगे क्यूंकि पेड़ हमे सिर्फ oxigen ,लकड़ी ,फल ही नहीं यह हमारे लिए औषधीय का काम भी करते है |
इनकी पत्तियाँ कई बिमारियों में लाभकारी होती है |नीम एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसको आयुर्वेद ,प्राकृतिक चिकित्सा ,यूनानी और होम्योपैथिक दवाओ में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है ,वेदों में नीम को सर्व रोग निवारिणी के नाम से जाना जाता है|ये एक तरह का जीवाणुरोधी ,एंटीवायरल ,दर्दनाशक ,ज्वरनाशक ,एंटीसेप्टिक ,मधुमेय विरोधी ,रक्त को शुद्ध करने वाला गुण पाया जाता है|  
बात गाँवो की करें या फिर शहरों की,जिससे पूछो यही कहता है की वो किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है और लगातार दवा ले रहा है|सेहत के लिहाज से चमत्कारी पेड़ों की बात करे तो नीम का नाम सभी को याद आएगा ,नीम एक ऐसा पेड़ है जिसके फायदे पर आयुर्वेद के अलावा विज्ञान ने भी अपनी सहमती की मोहर लगा दी है,नीम की पत्ती के साथ -साथ इसकी छाल और लकड़ी को भी फायदेमंद माना गया है |त्वचा ,पेट और विषाणु जनित समस्याओं में इसका प्रयोग किया जाता है नीम के अर्क में मधुमेय से लड़ने के गुण पाए जाते है|नीम के तने ,जड़ ,छाल और कच्चे फलों में मियादी रोगों से लड़ने का गुण पाया जाता है |इसकी छाल खासतौर पर मलेरिया और त्वचा सम्बन्धी रोगों में बहुत उपयोगी है ,इसके पत्तों में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण मुहासे , छाल ,खाज- खुजली आदि को दूर करने मे मदद करते है |
neem leaves benefits,neem oil for hair,use of neem
neem ke fayde 
आइये अब बात करते है neem ke fayde के बारे में -

 Neem ke fayde | Neem ke fayde for health in hindi 


  1. * नीम के फायदे रूसी के लिए | roosi me neem ke fayde 
  2. * नीम के लाभ गठिया रोगियों के लिए | neem ke labh gathiya rogiyon ke lie
  3. * मधुमेय में नीम का रस पीने के फायदे | benefits of neem in diabetes
  4. * जुंवो से बचने के लिए नीम के फायदे | neem ke fayde in case of ticks
  5. * नीम के लाभ त्वचा के लिए | neem ke fayde twacha ke lie
  6. * कैंसर में नीम के फायदे | cancer me neem ke fayde
  7. * मलेरिया में नीम के फायदे | maleria me neem ke fayde
  8. पेट के कीड़ों से छुटकारा पाने के नीम के फायदे | neem ke fayde keedon se chhutkara pane ke lie
  9. * मौखिक स्वास्थ में नीम के फायदे | neem ke fayde in oral health
  10. * रक्त को शुद्ध करने में नीम के फायदे | neem ke fayde for blood purification
  11. * नीम के अन्य लाभ | other benefits of neem
          benefits of tulsi

नीम के फायदे रूसी के लिए | benefits of neem in dandruff

जाड़े के दिनों में अक्सर देखा गया है कि रूसी की समस्या लगभग सभी को होती है जो की बाद में बालों के गिरने और खुजली का कारण बनती है।
नीम में anti bacterial aur anti fungal गुण पाए जाते है जो आपकी सर की त्वचा को स्वस्थ रखने में बहुत ही ज्यादा मदद करते है,त्वचा का सूखापन और खुजली में राहत दिलाता है।

* एक मुट्ठी नीम की पत्तियों को 4 कप पानी में उबाले जब तक की पत्तियों का रंग उत्तर न जाये और पानी हरा न हो जाये इस पानी को ठंडा होंने के लिए रख दें ,फिर अपने बालों मे सैम्पू करे तो इसी पानी से सर धुल लें|इससे आपके बालों में खुजली में राहत मिल जाएगी और इससे आपके सर को ठंडक मिलेगी |

* कुछ बड़े चम्मच नीम पाउडर और पर्याप्त पानी के साथ पेस्ट तैयार करें और सर की त्वचा और बालो पर लगायें। 30 मिनट के लिए छोड़ दें, तब शैम्पू से सर को धुल ,ये आपके बालों की समस्या को जड़ से खत्म कर देगा। पूरी तरह रूसी से छुटकारा पाने के लिए आपको ये उपाय सप्ताह में 2 से 3 बार करना होगा, इसकी सहायता से आपके बालों का विकास भी होगा |



नीम के लाभ गठिया रोगियों के लिए | neem ke fayde gathiya me

नीम गठिया के लिए एक बहुत ही लोकप्रिय पुढ माना गया है,यह पुराने  रुमेठी गठिया और ऑस्टियोर्थ्रिटिस में काफी लाभदायक होता है।इसमें सूजन को कम करने और दर्द को खत्म करने के अचूक गुण पाए जाते है।

* 2 कप पानी में एक मुट्ठी नीम की पत्तियों को अच्छे से तबतक उबाले जब तक की पानी हरा न हो जाये | इसे छानकर ठंडा होने के लिए रख दें | 1महीने तक दिन में 2 बार सेवन करने से गठिया में लाभ मिलेगा और सूजन भी कम हो जाएगी |

*नीम के तेल से रोजाना मालिस करने से मांसपेसियो में हो रहे दर्द और जोड़ो के दर्द में काफी लाभदायक साबित होती है | अगर आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो रहा है तो नीम के तेल से मालिश करने से आपको काफी लाभ मिलेगा |


गठिया में नीम के फायदे | benefits of neem in diabetes

नीम खून में मौजूद सुगर को नियंत्रित करने में काफी लाभदायक सिद्ध होती है |नीम की पत्तियों में कई तरह के ऐसे तत्व पाए जाते है जो की आपकी इन्सुलिन की जरूरत को कम कर देता है|

* नीम की गोलिया आपके सुगर लेवल कको काफी कम कर देंगी ,परन्तु कोई भी उपाय करने से पहले बेहतर होगा की आप अपने डाक्टर से सलाह अवश्य ले | 
* जिन लोगो को diabetes होने का खतरा अधिक हो वो लोग सामान्यता 4-5 पत्तियां सुबह खाली पेट चबा सकते है |


जुंवो से बचने के लिए नीम के फायदे | head lice home remedies

एक अध्यन में पाया गया है की नीम में ऐसे गुण पाए जाते है जो की एक बार उपयोग करने पर ही आपके सर से पूरी तरह से lice को खत्म करने में कारगर होते है|

* lice से छुटकारा पाने के लिए आपको अपने सर और बालो पर हफ्ते में एक बार नीम की पत्तियों का पेस्ट लगाना होगा ,पेस्ट को लगाने के बाद इसे अच्छी तरह से सूखने दें , इसके बाद आप गुन्गुने पानी से अपने सर को अच्छे से धुल लें ,सर को धुलने के लिए किसी herbal शैम्पू का use करे | इस उपचार को आपको सप्ताह में 2 बार करना होगा ,ऐसा करने से आपके सर से पूरी तरह से जुवें समाप्त हो जाएँगी |
* आप अपने सर पर रोजाना नीम की तेल की मालिस करे ,चाहें तो रात भर के लिए सर पर तेल लगा के छोड़ सकती है ,सूबे गर्म पानी से सर को धुल लें ,इस उपचार से आपके जुन्वें भी ख़तम हो जाएँगी और आपके बालों की लम्बाई भी बढ़ेगी |

नीम के लाभ त्वचा के लिए | neem leaves benefits

नीम आपकी त्वचा को healthy रखने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है ,ये त्वचा में होने वाली किसी भी तरह की संक्रमण को रोकने में मदत करता है | इसमें high level antioxident पाए जाते है जोकि त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाते है |
* नीम की कुछ पत्तियों को पीस लें और आपकी त्वचा जिस जगह पर प्रभावित है उस जगह पर लगायें और सूखने दें फिर इसे आप धुल लें ,इस उपाय को आप तबतक इस्तेमाल करे जबतक की संतुस्ट न हो |

 कैंसर में नीम के फायदे | cancer me neem ke fayde

कैंसर के उपचार में नीम या किसी भी प्रकार की जड़ी बूटी का उपयोग करने से पहले अपने डाक्टर का परामर्श अवश्य लें ,जिससे की आपको सही इलाज करने में मदत मिलेगी |
नीम एक ऐसा पौधा है जोकि आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और सूजन को कम करता है ,इसका उपयोग cancer के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओ में किआ जाता है |


 मलेरिया में नीम के फायदे | maleria me neem ke fayde

एक अध्ययन के अनुसार पाया गया है की नीम के पत्तो में antimalarial गुण पाया जाता है| नीम की पत्तियों की बनी चाय मलेरिया में लाभकारी होती है | नीम की पत्तियां मलेरिया से लड़ने में काफी मदत करती है |

पेट के कीड़ों से छुटकारा पाने के नीम के फायदे | neem ke fayde keedon se chhutkara pane ke lie

नीम में कई ऐसे योगिक होते है जोकि पेट कीड़ो की रहने की छमता को ख़तम करने लगते है जिससे की नए अंडे कीड़ो में नहीं बदल पाते और पुराने कीड़े मर जाते है |
* आप खाली पेट नीम की पत्तियों को चबा सकते है जोकि काफी लाभकारी साबित होती है |
* कोई भी उपचार करने से पहले अपने डाक्टर से सलाह अवश्य लें |

मौखिक स्वास्थ में नीम के फायदे | neem ke fayde in oral health

नीम अपने एंटी बैक्टीरियल गुण के लिए बहुत प्रसिद्ध है, जोकि बैक्टीरिया को मारने में मदत करता है |यह मसूड़े में होने वाली सूजन को खत्म कर देता है |
* अपने ब्रश की जगह आप नीम की नर्म दातून का उपयोग करें जोकि एक लाभकारी विकल्प है ,दातून का रोजाना उपयोग आपको दांतों की सभी प्रकार की समस्याओ से पूरी तरह से छूटकर दिला देगा,यह दांतों में होने वाला पायरिया रोग में भी लाभदायक सिद्ध होता है |
* नीम के पत्तों को लेकर आप सुखा लें ,इनमे कुछ तुलसी के पत्ते मिला ले ,इसे आप अपने toothpaste के साथ मिला कर रोजाना इस्तेमाल करे ,इस्ससे आपके दांतों की खोयी हुई चमक वापस आ जाएगी ,और आपके दांतों से जुडी हुई सभी प्रकार की समस्या ख़तम हो जाएगी |

रक्त को शुद्ध करने में नीम के फायदे | neem ke fayde for blood purification

नीम एक तरह का blood purifire होता है ,जोकि आपके खून को शुद्ध करता है और आपके शरीर में oxigen की सही मात्रा को पहुँचाने में मदत करता है |
* रोजाना खाली पेट 3 से 4 ताजे नर्म पत्तों को खाने से आपको ताजगी का अनुभव होने लगेगा और आपकी त्वचा खिल उठेगी |

नीम के अन्य लाभ | other benefits of neem

* नीम का पौधा अपने घर पर ऐसे स्थान पर लगायें जहा से पूरे घर में इसकी हवा आती हो |
* घर के मुख्य द्वार पर नीम का पौधा बहुत ही शुभ माना गया है 
* अगर वाणी की समस्या हो या चंचल मन की समस्या हो तो नीम की दातुन करने से लाभ मिलता है |
* अगर आपका शनि आप पर भारी है तो आपको नीम की लकड़ी की माला पहनने की आवश्कता है |
* नीम का पेड़ लगाने से घर नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नहीं हो पाता है ,जिससे घर में सुख शांति बनी रहती है |
* नीम की छाल और तेल से कुष्ट रोग को आसानी से दूर किया जा सकता है |
* चिकन पॉक्स के बाद नीम के पत्तों से नहाने की सलाह दी जाती है क्यूंकि ये घाव को सुखाती है और इसे फैलने से रोकने में मदत करती है |
* आपकी त्वचा की मर चुकी कोशिकाओं को फिर से नया जीवन देने के लिए और त्वचा को कोमल और लचीला बनाने के लिए आप 1 चम्मच नीम का तेल ,1/3 कप जैतून का तेल / नारियल का तेल ले ,इससे आप अपने चेहरे पर हलके हाथों से मसाज करे | ऐसा करने से आपके चेहरे की रंगत वापस आ जाएगी और आपके चेहरे के कील मुहासे भी गायब हो जायेंगे | 
* पाचन छमता को सही करने के लिए नीम के पत्तो का इस्तेमाल किया जा सकता है |
* नीम के पत्तियों को सुखा ले इसका पाउडर बना ले और इस हल्दी ,चन्दन का पाउडर मिला कर एक फेसमास्क  तैयार कर लें जिसे आप हफ्ते में दो बार अपने चेहरे पर लगाये इससे आपके चेहरे के कील मुहासे बिकुल दूर हो जायेंगे |



नीम की तासीर : 

* नीम की तासीर ठंडी होती है ,इसलिए इसका उपयोग आप गर्मियों में करे ,जोकि लाभदायक होगा |
* बचपन में pregnancy ,mother feeding में आप नीम का सेवन करने से पहले अपने डाक्टर से जरुर सलाह ले लें |

    दोस्तों आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी| अगर आपको किसी तरह की कोई समस्या हो या फिर अपने विचार शेयर करना चाहते है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते है |
           धन्यवाद् !